जहां रौशनी का मिलन हो रहा था
वहां एक कहानी रची जा रही थी
वो कहानी जो मेरी थी
वो कहानी जो हमारी थी
वो रौशनी हम ही तो थे
जो वर्षों बाद मिल रहे थे
हम दो रौशनीयों के मिलन से
तुम आए थे
हमारी जिंदगी में उजाला भरने
हमारी जिंदगी सवारने
अपने प्यारे से मुस्कान से
मेरी मुस्कान को दोगुना करने
आज तुम ही तो हो
मेरी आंखों के उजाले
तुम ही तो आए थे
मेरा घर रौशन करने
जहां रौशनी का मिलन हो रहा था
वहां तुम्हारा जन्म हो रहा था
हमारी सकारात्मक सोंच का जन्म हो रहा था
जहां रौशनी का मिलन हो रहा था
वहां तुम्हारी कहानी रची जा रही थी।
Written By Radha Rani
No comments:
Post a Comment