Friday, March 17, 2023

अब भी दिल रो देता है




अब भी दिल रो देता है

जब भी उन गलियों से गुजरती हूं

तेरे होने का एहसास होता है

अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं

और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढुँढने लगती हूं

पर भ्रम उस वक्त टूट सा जाता है

जब तेरे जाने का दिन याद आता है

फिर दिल बहुत रोता है

और खुदको मनाने में लग जाती हूं

अब तू थोरे मुझे मिलेगी

तू तो कहीं दूर चली गई है....

सायद वदुत दूर................

सयाद मैं इस जन्म में अब तुझे नहीं देख पाउं

और अपने आंखों को पोछते हुए

अपने काम में फिर लग जाती हूं

ऐसा हर रोज होता है

तेरी याद आती है.... और रुला जाती है....


Written by- Radha Rani

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