Wednesday, August 25, 2021

तुम आयी भी...और चली भी गई

 









तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ
चाहत थी कि तुम 
और कुछ देर रहती
तो मन की आत्मा को
वो सुकून मिलता
इसका अंदाजा
सायद तुम्हें भी न हो...
तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ।।

Written By Radha Rani

गुजरे हुए वक़्त की कहानी है तू


गुजरे हुए वक़्त की कहानी है तू
मेरे टूटे हुए दिल की निशानी है तू
गुजरा हुआ वक़्त गुजर चुका है
पर आज भी उस टूटे हुए दिल की 
टीस में बाकी है तू ।।
तुम्हें याद है सब या भुला चुके हो कुछ
कभी तो हाले बयान कर देते
मैं आज भी उस खत के टुकरे को
अपने दिल के कोने में छुपाये बैठी हूं।।
तुमने कहा था कभी....
हम मिले या ना मिले दुबारा
पर हमारा वक़्त हमे 
हर पल मिलता रहेगा कहीं ...
पर आज हमारा वक़्त और तुम
एक कहानी बन गए हैं ...
गुजरे हुए वक़्त की निशानी बन गए हैं।।

Written by Radha Rani

अब भी दिल रो देता है

अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...