Wednesday, August 25, 2021

तुम आयी भी...और चली भी गई

 









तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ
चाहत थी कि तुम 
और कुछ देर रहती
तो मन की आत्मा को
वो सुकून मिलता
इसका अंदाजा
सायद तुम्हें भी न हो...
तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ।।

Written By Radha Rani

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