तुम आयी भीऔर चली भी गईएहसास भी न हुआचाहत थी कि तुम और कुछ देर रहतीतो मन की आत्मा कोवो सुकून मिलताइसका अंदाजासायद तुम्हें भी न हो...तुम आयी भीऔर चली भी गईएहसास भी न हुआ।।
Written By Radha Rani
अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...
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