मेरे अंदर का बच्चा
अबतक वो बढ़ा नहीं
दुनिया की साजिशों से
अबतक वो मिला नहीं
मेरे अंदर का बच्चा
झट से दोस्त बनाता है
नासमझ है अभी वो
हरवक्त धोखा खाता है
मेरे अंदर का बच्चा
हर पल धुम मचाता है
हरपल कुछ नया करने को
नए-नए तरकीब लगाता है
मेरे अंदर का बच्चा
अपना बचपन भुला नहीं
बचपन की यादों को वो
फिर से वो दोहराता है
मेरे अंदर का बच्चा
अब तक वो मरा नहीं।
Written By Radha Rani
Written By Radha Rani

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