Wednesday, June 20, 2018

बार बार दिन ये आए

एक असहनीय पीड़ा
एक अजब सी कसमकस
थी परेशान
कुछ खुद के सवालों में उलझी
क्या होगा?, कब होगा?, होता क्यों नहीं?
अचानक से एक गहरा सन्नाटा
और मेरी कानों ने कुछ सुना
तुम्हारी आवाज़
रोने की थी, मैं परेशान तो हुई
मगर मेरे मन को आनंदित भी कर रही थी
पहली बार जब तुमको छुआ था
अजब सा एहसास हुआ था 
20 जून 2016 का दिन
फिर से आया है
मेरी खुशीयों को दोगुना करने
आज ही के दिन तुम आए थे
मेरी दुनिया में एक नया रंग भरने
मुझे अधुरे से पुरा करने
तुम्हारी मुस्कान मेरी जिंदगी है
तुम सदा मुस्कुराते रहो
यही आरज़ू है।।
Happy birthday to you betu.... muhhhhha

Written by Radha Rani

No comments:

Post a Comment

अब भी दिल रो देता है

अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...