मन मर्जी के मालिक हम
जो भी करते
मन की करते
किसी की बातों को नहीं सुनते
दुनिया चाहे लाख कहे अपनी
पर हम सिर्फ अपनी सुनते
हम तो मन मर्जी मालिक हैं
दुनिया की परवाह करें क्यों
दुनिया सिर्फ लेती है
देती सिर्फ सितम है
हम तो मन मर्जी मालिक हैं
अपने मन के सिकंदर हैं
सारे फैसले मेरे जेब के अंदर
अपना तुती बजाती हूं
हम तो मन मर्जी मालिक हैं
अपनी ही सिर्फ हम सुनते।।
Written by Radha Rani
No comments:
Post a Comment