आईने से बैर मत रख
तु आईने से यारी रख
आईना झुठ नहीं बोलता
आईना दिखाता है हकीकत
आईना तुझे संवारेगा
आईना तुझे बिगाड़ेगा
तु रोएगा तो वो रोएगा
तु हंसेगा तो वो हंसेगा
आईने से बैर मत रख
तु आईने से यारी रख।
आईना दिखाता है खामियां
आईना दिखाता है अच्छाईयां
वही है अकेलेपन का साथी
आईना ही तो आज दोस्त है हमदम है
आईने से बैर मत रख
तु आईने से यारी रख।
Written by Radha Rani
No comments:
Post a Comment