Wednesday, July 18, 2018

कर लेती जिंदगी रिवाइंड


जिंदगी में अगर रिवाइंड बटन होता
कर लेती जिंदगी रिवाइंड
भुला देती उन चार सालों को
जिसने दिए मुझे मानसिक जख्म हजार
खो जाती उन लम्हों में 
जिन लम्हों में मेरा बचपन था
जहां मां का डांट था
तो पिता की फटकार भी 
कर लेती कैद खुद को वहीं
जहां भाई का झगड़ा था
तो बहन का प्यार भी 
रोक लेती उन पलों को
जिनमें घर से जुदाई था
लौट जाती वहीं पर 
जहां मां की ख्वाहिश थी
जिंदगी में अगर रिवाइंड बटन होता
कर लेती जिंदगी रिवाइंड
सोंचती हूँ क्यों जिंदगी ऐसे सताती है
पल में हंसाती है तो पल में रुलाती है
जिंदगी के भागमभाग में 
फंस सी गई हूँ मैं
चारो तरफ अंधेरा है
उजाले का नामोनिशान नहीं
अगर जिंदगी में रिवाइंड बटन होता
तो कर लेती जिंदगी रिवाइंड।।

RADHA

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