अंधेरे को त्याग
उठ खड़ा हो
देख तो बाहर
धूप निकली है
झिझक मत, खुद को सम्भाल
कब तक अंधेरे को साथी समझोगा
अंधेरा गुमनामी देगा
अपनों से दूर करेगा
तुमको तुमसे दूर करेगा
तुम्हारे सपनों को चुर करेगा
तो उठ खड़ा हो
देख तो बाहर
धूप निकली है
ये उजाला तुमको हिम्मत देगा
नई उर्जा का तुममें संचार करेगा
ये जो आज धूप निकली है।।
Written by Radha Rani

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