जीवन के इस सफर में
क्या खोया क्या पाया हमने
कभी ग़मो का प्याला मिला
कभी रुसवाईयों की थाली
कभी उलझनों का दौड़ रहा
कभी विरानियां ही विरानियां
जीवन के इस सफर में
सिर्फ खोया ही खोया हमने
जिंदगी के आपाधापी में
थक गई हूं मैं
गुनहगार सी लगती हूं
खुद को जब देखती हूं आईने में
सोचती हूं, क्यों नहीं कुछ किया हासिल
हमेशा रही तनहाईयों में।।
Written by Radha Rani

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