जैसे कि, सबको खिलाकर खाना खाने की बात....यार मैं कहती हूं कि क्या उनको पहले भुख नहीं लग सकती?? क्या जरुरी है सबको खाने के बाद खाने की... ये हर घर की बात नहीं है...कुछ पुरानी मानसिकता वाले लोगों की वजह से कुछ औरतों को झेलना पड़ता है...
अगर उनको पहले मुख लगी तो अपना पेट दबाए, मुंह पर मुस्कान चढ़ाए..सबका हुकुम बजाना पड़ता है...
ज्यादा से ज्यादा आप हवा खा सकते हैं... थोड़ा पेट तो भर ही जाएगा... अगर भुल से भी पहले खा लिया तो आपको सुनना पर सकता है कि बेल्लज है, बेशर्म है, मायके से मां ने यही सिखाया है, ससुराल को ससुराल नहीं समझती, इत्यादि...
हा हा हा....
वाह री दुनिया....
और तो और इन औरतों की दुश्मन एक औरत ही होती है...जो भुल गयीं होती हैं कि वो भी एक औरत है.
... राधा...
No comments:
Post a Comment