इन चंद महीनों के दौरान
जो हुआ
वो अच्छा नहीं हुआ
ना मुझमें सय्यम रहा
ना उसने सेय्यम रखा
दोनों ने खोया
कुछ हासिल न हुआ
चंद लालची लोगों का ही
बोलबाला रहा
जो भी हुआ
अच्छा नहीं हुआ
मैं थी ही बेवकूफ
पर तुम भी समझदार न थीं
तुम्हें समझाना मेरा
सब बेकार गया
तुम्हें भी वही मिला
जो मुझे मिला
इन चंद महीनों के दौरान
जो हुआ
वो अच्छा नहीं हुआ।।
राधा रानी
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