धरती कहे-कहे पुकार
तुमने मेरा क्या कर दिया हाल
सांस भी नहीं ले पाती मैं
तुमने जो पाप किये हैं आज
हर जगह गंदगी फैलाई है
लुट-खसोट मचाई है
रेप-बलातकार के कारण ही
मेरा ये हाल हुआ
कैसा मैंने खुद को सौंपा था
कैसा मुझे -मुझको लौटा रहे...
तुम्हारे EARTH DAY मनाने से
मेरा क्या हाल सुधर पायेगा...
सुधारना है तो खुद को सुधारो
फिर EARTH DAY मनाना तुम
सांस भी नहीं ले पाती मैं
तुमने जो पाप किये हैं आज
आज धरती दिवस यानी अंग्रेजी में कहें तो EARTH DAY है...लोग बड़े गर्व से हर साल EARTH DAY मनाते हैं
और तरह-तरह की बातें और तस्वीरें पोस्ट कर के अपना पीठ थपथपा लेते हैं...पर क्या आज जो धरती की हालत है, EARTH DAY मनाने लायक है ?
मैं कहूँगी नहीं....धरती गंदी हो गई है...धरती पर रहने वाले हर लोगों की सोंच गंदी हो गई हैं...हमलोगो ने धरती को गटर में डुबो दिया है...
मेरी ये सोंच पर आप लोगो को गुस्सा भी आ सकता है ...पर दोस्त सच बात हमेशा करवी ही होती है....
आज धरती पर कितने अपराध हो रहें हैं...सबसे घिनौना काम तो रेप हो रहा है .....और वो भी उन बच्चियों से जिनको दुनियादारी की समझ ही नहीं...जो अभी धरती पर ठीक से खड़ा होना ही सीख पाईं हैं....
मुझे तो अपने आप पर गुस्सा आता है की मैं कुछ नहीं कर सकती...हो सकता है मैं कर सकती हूँ पर डरती हूँ...आज हर इंसान डरता है...कोई भी इन झमेलों में नही परना चाहता...और जो लोग परते भी हैं तो सिर्फ अपना उल्लु सीधा करने के लिए..
याद करो जब शुरूआत की धरती के बारे में हम पढ़ते थे, तो क्या ऐसी ही बताई गई थी हमारी धरती.......नहीं ना, तो सोचो कैसे हो गई हमारी धरती गंदी...हमने बनाया है इसको गंदा..... हमे EARTH DAY मनाने का कोई हक नहीं...मत मनाओ EARTH DAY....मत करो ये ढ़ोंग
Written By- Radha Rani
No comments:
Post a Comment