किसी के सोंच पर कोई रोक नही हैं....आज मैं दो- तीन दिनो से यही सोच रही हूं की आखिर क्यों एक मां को बाल-बच्चे अकेला छोड़ जाते हैं...बस चंद दिनो से आई एक लड़की के कारण...
आखिर क्यों...लोग कहते हैं की सास हमेशा से बहुओं पर हावी रही है...उनको प्रताड़ित करती आई हैं...पर क्या ये लगता है की ऐसा होता होगा...? कभी ताली एक हाथ से बजी है...? हो सकता है गलती बहुओं की भी हो ...
क्योंकि लड़को की भी तो ससुराल होती है...उनपर यातनाएं तो नहीं होती ...उनके बारे में तो आज तक किसी ने नहीं सुना की एक सास ने अपने दामाद को मारा...पीटा...जिंदा जलाया...इत्यादि
तो लड़कियों के साथ ही ऐसा क्यों होता है...?
रोज-रोज सोशल मीडिया पर भी इस टाईप की खबरों से मैं रू-ब-रू होती हूँ...ऐसा मैं अपने आस-पास देख रहे महौल के कारण बोल रही हूँ....
जैसा मुझे लगता है...ये सारा मामला एक घर का है ...और उन से जुड़े भावनाओं का है...
जब एक लड़की अपने ससुराल जाती है तो उसके लिए वो महौल नया होता है..पर उसकी आदतें तो पहले से बनी होती हैं ...और आदतें जल्द नहीं बदलतीं... और वो लड़की उन्हीं आदतों के साथ आगे बढ़ना शुरू करती है...पर उस घर के मालिक (सास-ससुर) को अच्छा नहीं लगता उसकी आदते ...(ऐसा लगना वाजि़ब है.........)
तब से ही ये नौबत शुरू हो जाती है...
जैसे आपने एक घर बनाने में पुरी जिंदगी लगाया हो... और कोई आकर आपके घर तोड़ दे... तब आपको कैसा लगेगा...महसूस कीजिए
अगर आपके रूम में आकर कोई भी व्यक्ति आपके सामान को बिना आपके मर्जी के इधर-उधर करे तो कैसा लगेगा... महसूस कीजिए
अगर आपके रूम में आकर कोई भी व्यक्ति आपके सामान को बिना आपके मर्जी के इधर-उधर करे तो कैसा लगेगा... महसूस कीजिए
वैसे ही... वो मां पर क्या गुजरती होगी जिसने अपने घर और अपने बच्चे को अपना पुरा जीवन दे दिया हो...और कोई लड़की आकर उसके घर-संसार को बीगाड़ने की कोशिश करें...
मेरा हर महिलाओं से सवाल है............
मैं भी एक बहु हूं...मैं भी किसी घर से आई थी...मेरे लिए भी मेरा ससुराल नया था...मैं भी अपने आदतों को बदला है, न की अड़ी रही अपने पुराने आदतों के साथ...
हां वक्त लगता है बदलने में ...उस लड़की को वक्त देना चाहिए और उस लड़की को भी अपने आप को बदलना चाहिए...न की अपनी-अपनी आदतों को जबरदस्ती अपने परिवार पर थोपना चाहिए...
और हां एक बात, कभी भी परिवार में दरार नहीं डालना चाहिए...एक मां को अपने बच्चे से अलग नहीं करना चाहिए...
सास पहले तो मां होती है...बाद में वो सास बनती हैं...वो अपने बच्चों से प्यार की भुखी होती है..क्योंकि उसने अपने बच्चों को प्यार से ही सिंचा होता है..
जिंदगी बहुत छोटी है..प्यार से जीना चाहिए...
जिंदगी बहुत छोटी है..प्यार से जीना चाहिए...
शादी का ये मतलब नहीं की पति सिर्फ मेरा है....पति से जुड़े लोगों से कोई मतलब नहीं...( ऐसी सोंच परिवार को खत्म कर देता है )
Be positive Think positive
----राधा रानी.....
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