Friday, June 26, 2015
Friday, March 20, 2015
Sunday, March 8, 2015
Friday, February 27, 2015
मतलबी दुनिया
दुनिया रे दुनिया
मतलब की दुनिया
मतलबी दुनिया
मतलबी इन्सानों से भरी दुनिया
इस मतलबी दुनिया में
ना है कोई तेरा
ना है कोई मेरा
ना है कोई अपना
ना है कोई पराया
इस मतलबी दुनिया में
जीना है तो मतलबी बन
भुल जा इस मतलबी दुनिया को
भुल जा कोई है तेरा
भुल जा कोई है हर सांस मेरी
बंधी है तुझसे
हर आह मेरी
जुड़ी है तुझसे
तुझे कुछ होता है
दिल मेरा रोता है
सच कहती हूँ
बड़ा बेचैन होता है
जी करता है
भाग के आ जाऊँ
लेकिन क्या करूँ
जी करने से
भला कुछ होता है
तु माने या ना माने
हर वक्त दिल बेचैन होता हैमेरा
दुनिया रे दुनिया
मतलब की दुनिया
Written by me
मतलब की दुनिया
मतलबी दुनिया
मतलबी इन्सानों से भरी दुनिया
इस मतलबी दुनिया में
ना है कोई तेरा
ना है कोई मेरा
ना है कोई अपना
ना है कोई पराया
इस मतलबी दुनिया में
जीना है तो मतलबी बन
भुल जा इस मतलबी दुनिया को
भुल जा कोई है तेरा
भुल जा कोई है हर सांस मेरी
बंधी है तुझसे
हर आह मेरी
जुड़ी है तुझसे
तुझे कुछ होता है
दिल मेरा रोता है
सच कहती हूँ
बड़ा बेचैन होता है
जी करता है
भाग के आ जाऊँ
लेकिन क्या करूँ
जी करने से
भला कुछ होता है
तु माने या ना माने
हर वक्त दिल बेचैन होता हैमेरा
दुनिया रे दुनिया
मतलब की दुनिया
Written by me
Tuesday, February 24, 2015
चाहत थी उड़ने की
चाहत थी उड़ने की
बहुत ऊँचा उड़ने की
लेकिन न जाने अब लगता है
मेरे पंख कुतर दिए गए हों
याद है मुझे वो हर बात
जीन बातों पे मेरी हंसी रुकती न थी
पर अब तो चेहरे पर
मायुसी का पहरा है
कुछ सपने थे मेरी आंखों में
जो अब धुंधला-धुंधला सा
दिखाई परता है
मेरे भी थे कई अरमान
मगर उन पर आज किसी का पहरा है
चाहत थी उड़ने की
बहुत ऊँचा उड़ने की
लेकिन न जाने अब लगता है
मेरे पंख कुतर दिए गए हों
याद है मुझे वो हर बात
जीन बातों पे मेरी हंसी रुकती न थी
पर अब तो चेहरे पर
मायुसी का पहरा है
कुछ सपने थे मेरी आंखों में
जो अब धुंधला-धुंधला सा
दिखाई परता है
मेरे भी थे कई अरमान
मगर उन पर आज किसी का पहरा है
चाहत थी उड़ने की
Saturday, February 21, 2015
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
इंसान काला हो या गोरा
इसमें क्या रखा है
फर्क बस इतना है
आज भी लड़कियों को
काला कह के छांट दिया जाता है
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
आज भी लड़कियाँ
एक डर के साए में जीती हैं
न जाने कब काले की परछाई में
उनका जीवन ना धुमिल हो जाए
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
आज भी औरतें
ये सोच के सहम जाती हैं
कहीं उनके अंश को
काले-गोरे के तराजू में
तौल के न रख दिया जाए
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
इंसान काला हो या गोरा
इसमें क्या रखा है
फर्क बस इतना है
आज भी लड़कियों को
काला कह के छांट दिया जाता है
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
आज भी लड़कियाँ
एक डर के साए में जीती हैं
न जाने कब काले की परछाई में
उनका जीवन ना धुमिल हो जाए
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
आज भी औरतें
ये सोच के सहम जाती हैं
कहीं उनके अंश को
काले-गोरे के तराजू में
तौल के न रख दिया जाए
काले-गोरे का फर्क मिटता नहीं
लोगों पर पड़ा ये धुंध छटता नहीं...
HAR PAL...
Har pal unka...
khyal kartey hain
Har pal unka ...
socha kartey hain
Unse milne ke din ...
Hum gina kartry hain
Par unko ye mera khyal
bachkana sa lagta hai
Unko hum har pal
pagal sa dikha kartey hain.
Lekin hum Kaise samjhaye. ..
Hum kitna pyar kartey hain.
khyal kartey hain
Har pal unka ...
socha kartey hain
Unse milne ke din ...
Hum gina kartry hain
Par unko ye mera khyal
bachkana sa lagta hai
Unko hum har pal
pagal sa dikha kartey hain.
Lekin hum Kaise samjhaye. ..
Hum kitna pyar kartey hain.
ऐसा कभी ना करना
तुम रूठ जाओ मुझसे
ऐसा कभी ना करना
मैं एक नजर को तरसु
ऐसा कभी ना करना
मैं पुछ पुछ हारुँ सौ सौ सवाल
तुम कुछ जवाब ना दो
ऐसा कभी ना करना
मुझसे मिल कर रोना
मुझसे मिल कर हसना
मुझसे बिछड़ कर जी लो
ऐसा कभी ना करना
तुम चले जाओ जब भी
देखुं तुम्हारा रास्ता
तुम लौट कर न आओ
ऐसा कभी ना करना
ऐसा कभी ना करना
मैं एक नजर को तरसु
ऐसा कभी ना करना
मैं पुछ पुछ हारुँ सौ सौ सवाल
तुम कुछ जवाब ना दो
ऐसा कभी ना करना
मुझसे मिल कर रोना
मुझसे मिल कर हसना
मुझसे बिछड़ कर जी लो
ऐसा कभी ना करना
तुम चले जाओ जब भी
देखुं तुम्हारा रास्ता
तुम लौट कर न आओ
ऐसा कभी ना करना
आंसू
आँखों से बहकर बेकार जाते हैं
ऐ दोस्त मेरे आंसू भी हार जाते हैं
आँखों की पुतली से
पलकों तक आते हैं
पलकों के किनारे से
गालों तक आते हैं
जब आँखें मिल जाती हैं
बेशुमार आते है
ऐ दोस्त मेरे आंसू भी हार जाते हैं
आँखों की पुतली से
पलकों तक आते हैं
पलकों के किनारे से
गालों तक आते हैं
जब आँखें मिल जाती हैं
बेशुमार आते है
धूप-छांव सी जिन्दगी
धूप-छांव सी जिन्दगी
रंग बदलती जिन्दगी
कभी रुलाती
कभी हंसाती
कभी सताती जिन्दगी
हम इस जिन्दगी के मकर जाल में
पल-पल फसते जा रहें
कुछ तो है बात इसमें
जो हमें लुभाती जिन्दगी
रंग बदलती जिन्दगी
कभी रुलाती
कभी हंसाती
कभी सताती जिन्दगी
हम इस जिन्दगी के मकर जाल में
पल-पल फसते जा रहें
कुछ तो है बात इसमें
जो हमें लुभाती जिन्दगी
Tuesday, February 3, 2015
वो कहते हैं मैने गलती की..
वो कहते हैं मैंने गलती की..
हां, मैंने गलती की..
पर ये गलती, ऐसी सजा की
हकदार तो ना थी…
वो कहते हैं...
मैं गलती-पे-गलती करती हूँ
हां, मैं गलती-पे-गलती करती हूँ
इसकी वजह भी तो वही हैं
वो कहते हैं..
कब हलती करना छोड़ोगे
हां, मैं चाहती तो हूँ
की गलती ना करूँ..
पर मैं भी इंसान हूँ
हो जाती है गलती
अगर गलती ना करती
तो भगवान ना हो जाती
वो कहते हैं मैने गलती की..
Written by: Radha Rani
Sunday, January 25, 2015
वो मुझे समझते हैं
समझी की वो मुझे समझते हैं…
प्यार मुझसे बेइंतिहां करते हैं…
पहले तो वो हर बात पर
रूला दिया करते थे…
मैं हर बार रो लिया करती थी…
बस यही सोच लिया करती थी…
कि अब सही होगा…तब सही होगा…
मगर, आज भी वही हाल नज़र आता है…
समझ की दिवार फिर खड़ी दिखती है…
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अब भी दिल रो देता है
अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...
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एक पुरानी कहानी है कि एक बुढ़िया थी , वह बहुत गरीब थी , वो अपने बच्चे के पालन - पोशन के लिए दही बेचा करती थी ... एक दिन...
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हस मत पगली प्यार हो जाएगा.... रो मत पगली , मैं फिर आउँगा गुस्सा नहीं पगली, प्यार चाहिए.... ये सारे वाक्य आपको ट्रकों और बसो में देख...
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ये तस्वीर दक्षिण सूडान में पड़े सूखे दौरान मार्च 1993 में केविन कार्टर नाम के फोटोग्राफर ने ली थी। तस्वीर में भ...