Wednesday, January 2, 2019

चल ख्वाब देखते हैं

चल ख्वाब देखते हैं
जो पुरे ना हुए कभी
और शायद पुरे ना हों कभी 
ऐसे हर पल-पल बुने हम सभी।
चल ख्वाब देखते हैं
ऐसे जीत का 
जो होनी पक्की है
क्योंकि हमने हारना सीखा नहीं।
चल ख्वाब देखते हैं
ऐसे खुशियों का
जिसकी चाहत मुझे शिद्दत से है
चल ख्वाब देखते हैं।।

Written by Radha Rani

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