नए साल की बात है
नए मंसुबे गढ़ने हैं
कुछ नए दोस्त बनाने हैं
तो पुराने दोस्तों से मिलने हैं।
नए साल की बात है
सच्चाई की राह पर चलना है
कुछ सच्चों को अपनाना है
तो झुठों को दूर भगाना है।
नए साल की बात है
बिखरे रिश्तों को सम्भालना है
तो कुछ रिश्तों से दूरी बनाना है।
नए साल की बात है
एक नई ऊंचाइयों को छूना है
और अपने सपनों को सजाना है।।
Written by Radha Rani

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