दो दिन बचे हैं बस
साल गुजरने वाला है
जो भी गीले शिकवे हैं
आपस में बांट लें हम
क्योंकि साल गुजरने वाला है
आने वाले साल में
एक प्रण लें लें हम
जो बुरा किया बीते साल में
वो ना दुहराए नए साल में
जो भी अच्छा हुआ इस साल
यही कोशिश रहेगी नए साल।।
Written by Radha Rani
No comments:
Post a Comment