मुझे याद है वो दिन….
जब हम स्कूल में थे…
कितने सच्चे दोस्त थे हमारे…
आज एक भी नहीं…
मुझे याद है…
सब साथ रहने का दावा करते थे…
आज साथ कोई नहीं….
मुझे याद है वो दिन….
जब हमारे पास वक्त ही वक्त था…
आज मिलने का वक्त नहीं….
आज किसे अपना कहें..किसे पराया…
किसे दुश्मन कहें…किसे हमदर्द..
समझ ही नहीं आता…
आज दोस्त…दोस्त ना रहा…
हमदर्द…. हमदर्द ना रहा..
आज अपने..अपने ना रहें…
तो दोस्तों से क्या उम्मीद..
आज सिर्फ वो यादें हैं मेरे पास…
सिर्फ वो यादें…
जो कभी हमारी थीं…
आज सिर्फ मेरी हैं……सिर्फ मेरी…..
Written By: Radha Rani
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