तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ
चाहत थी कि तुम
और कुछ देर रहती
तो मन की आत्मा को
वो सुकून मिलता
इसका अंदाजा
सायद तुम्हें भी न हो...
तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ।।
Written By Radha Rani
तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ
चाहत थी कि तुम
और कुछ देर रहती
तो मन की आत्मा को
वो सुकून मिलता
इसका अंदाजा
सायद तुम्हें भी न हो...
तुम आयी भी
और चली भी गई
एहसास भी न हुआ।।
Written By Radha Rani
अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...