Saturday, July 27, 2019

कब से तेरी तलब थी

कब से तेरी तलब थी
आकर अब मिली हो
सुबह से एक घुंट को
तरस गए थे हम
सोच रहे थे हम
कब आओगी
और आकर..मेरे होंठो को छु जाओगी
कब से तेरी तलब थी
आकर अब मिली हो☕️☕️☕️☕️

Written By Radha

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