Tuesday, April 23, 2019

तकदीर से लड़ जाएंगे

तकदीर से लड़ जाएंगे
पर अपना आशियाना बनाएंगे
आज किस्मत में कुछ भी हो
मगर एक दिन किस्तम जगाएंगे
तुम मेरा साथ दो या ना दो
तकदीर से लड़ जाएंगे
फिर भी तुम्हें पाएंगे
सपना है, अपना आशियाना हो
तुम हो..मैं रहुं और साथ 
हमारी परछाईं हो
तकदीर से लड़ जाएंगे
पर अपना आशियाना बनाएंगे

Written By Radha Rani

No comments:

Post a Comment

अब भी दिल रो देता है

अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...