सब्र हर बार अख्तियार किया
हमसे होता नहीं, हजार किया
हमसे होता नहीं, हजार किया
आदतन तुमने कर दिये वादे
आदतन हमने एतबार किया
आदतन हमने एतबार किया
हमने अक्सर तुम्हारी राहों में
रुककर अपना ही इंतजार किया
रुककर अपना ही इंतजार किया
फिर ना मांगेंगे जिंदगी या रब
ये गुनाह हमने इक बार किया
ये गुनाह हमने इक बार किया
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