एक लड़का-लड़की जब मिलते हैं तो दोस्ती होती है... नज़रें मिलतीं हैं..और गाना बज उठता है...(राह में उन से मुलाकात हो गयी जिस से डरते थे वही बात हो गयी ...)
फिर रोज का मिलना-जुलना...नजदीकियों का बढ़ना और फिर एक दुसरे से कहना...
(प्यार हुआ, इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यू डरता है दिल..
कहता है दिल रास्ता मुश्किल,
मालूम नही है कहा मंजिल..)
फिर अचानक से माता-पिता को पता चलना, और फिर प्यार पर पहरा लग जाना....और लड़के का लड़की को समझना...
(फर्स्ट टाइम देखा तुम्हे हम खो गया
सेकंद टाइम मे लव्ह हो गया
ये अक्खा इंडिया जानता है हम तुमपे मरता है
दिल क्या चीज़ है जानम अपनी जान तेरे नाम करता है...)
फिर बहुत मिन्नत के बाद माता-पिता का मान जाना...और शादी के लिए हां कहना...तब मन का एक दुसरे से कहना...
(जो हाल दिल का इधर हो रहा है, वो हाल दिल का उधर हो रहा है, जाने जान दिलो पे प्यार का, अजब सा असर हो रहा है....)
और शादी की तैयारी शुरू हो जाती है....
तो लड़का कहता है...
(उठा ले जाऊँगा तुझे मैं डोली में देखती रह जाएगी सखियाँ तुम्हारी)
फिर लड़की कहती है...(तेरे घर आऊँगी दुल्हन बन जाऊँगी अकेली रह जाएँगी सखियाँ बेचारी...)
भाई भी मन से बहन को प्यार से कहता है...
("बहना ओ बहना तेरी डोली मै सजाऊगा
तेरी जायेगी बरात होगी आंखो से बरसात
हंस-हंस के मै दुखड़ा बिदाई का छुपाउगा "...)
और अंत में पिता अपने नम आंखों से बेटी को कहता है...
(बाबुल की दुआएँ लेती जा जा तुझको सुखी संसार मिले
मैके की कभी ना याद आए ससुराल में इतना प्यार मिले)
फाइनली शादी हो जाती हैं..और कुछ साल हंसी-खुशी रहने के बाद... सिर्फ गाना ही बच जाता है गाने को....
लड़का- जब से हुई है शादी आंसू बहा रहा हूं आफत गले पड़ी है उसको निभा रहा हूं....
लड़की- जब से हुई है शादी आंसू बहा रही हूं आफत गले पड़ा है उसको निभा रही हूं ।
और ज़िंदगी यूं ही चलती रहती है....
राधा रानी....