Sunday, November 2, 2014

मेरे अरमान

मेरे भी कुछ अरमान थे
मेरे भी कुछ सपने थे
मुभे भी चाहिए था प्यार
मां से, पापा से
भाई से, बहन से
अपने प्यार से प्यार
भरपुर वाला प्यार
सच्चा वाला प्यार
दिल से चाहने वाला प्यार
लेकिन, हमेशा किश्तों में ही मिला
हमेशा प्यार पाने की कोशिश की
पर मिल न सका
अब तो लगता है ये जिन्दगी उधार की है
उधार का प्यार है
अब ऐसा लगता है..
जो भी प्य़ार मुझे मिला
वो तरस से मिला
काश मैं अकेली रह जाती

या रहती ही ना………………




Written by: Radha Rani

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