Friday, August 2, 2013

तुम्हारा साथ.......................


क्यों आखिर क्यों…
क्यों हर बार ऐसा करते हो तुम…
क्यों हर बार परेशान करते हो तुम…
हर बार हमारा दिल तोड़ देते हो तुम…
क्यों आखिर क्यों…
आखिर मैं भी तो इंसान हुं…
मेरे अंदर भी एक दिल है…
जो तुम्हारे लिए धड़कता है…
जो तुम्हें चाहता है…
जो तुम्हें हर पल पाने की आरजु रखता है…
पर..तुम्हें मेरी कहां….
सिर्फ अपनी पड़ी है…
क्यों आखिर ऐसा क्यों…
आखिर ऐसा कैसे कर पाते हो तुम…
कैसे हां कैसे…
मुझे बीच मझधार में छोड़कर…
हमेशा चले जाते हो….
मैं कहुं कुछ तो सही नहीं….
तुम कहो तो सही…
क्यों आखिर क्यों…
मैंने तुमसे क्या मांगा…
सिर्फ तुम्हारा साथ…
तुमसे वो भी ना हो सका…
मैने तुम्हारा हर तरह से साथ दिया…
तुम्हारे सुख में..
दुख में…
पर तुमने क्या दिया…
मैं इसे क्या समझुं…
तुम्हारा प्यार…
या कुछ और..
क्यों आखिर क्यों…

Written by: Radha Rani

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