Tuesday, November 20, 2018

मेहनत नहीं होता मुझसे...

सुबह सवेरे रोज उठ 
झाड़ू कटका करती हूं
फिर भी ‌लोग कहते फिरते हैं
मेहनत नहीं होता मुझसे।

सर्वप्रथम स्नान कर 
पुजा पाठ करती हूं
फिर रसोई में जाकर
खाना रोज बनातीं हूं
फिर भी ‌लोग कहते हैं
मेहनत नहीं होता मुझसे।

घर के सारे काम कर
आफिस रोज जाती हूं
वहां जाकर रोज रोज
अपना काम ‌करती हूं
फिर भी ‌लोग कहते हैं
मेहनत नहीं होता मुझसे।

हर रोज रात का 
खाना मैं ही बनाती हूं
फिर सबको खाना खिलाकर
तब खुद खाती हूं
फिर भी ‌लोग कहते रहते हैं
मेहनत नहीं होता मुझसे।

Radha

अब भी दिल रो देता है

अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...